हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता हैं? आप सभी लोग हिंदी भाषा से तो परिचित होंगे ही क्योकि भारत में आज के समय में ज्यादातर लोगों की मातृभाषा हिंदी हैं. लेकिन क्या आपलोग जानते हो की हिंदी दिवस क्यों मनानाया जाता हैं ? यदि नही तो आज आपको हिंदी दिवस के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी .
हिंदी दिवस के दिन हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था तब से लेकर आजतक प्रतिवर्ष Hindi Diwas मनाया जाता हैं. हिंदी आज के समय भारत की मातृभाषा बन चुकी हैं. हिंदी दिवस को मानाने के पीछे कई सारे कारण हैं और इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण तो ये हैं की इसकी मदद से लोगो को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना हैं और इसके महेत्व को समझाना हैं.
आज के समय हम लोग देखते हैं की ज्यादातर दुकानों, दफ्तर और कार्यालयों में हिंदी भाषा का उपयोग लगातार कम होते चला जा रहा हैं लोग हिंदी की जगह अन्य भाषाओ का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे ही लोगों को हिंदी के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है आज के समय में देखा जाए तो सभी ऑनलाइन कंपनिया जैसे गूगल, फेसबुक तथा अन्य कंपनिया हिंदी भाषा का विकल्प उपलब्ध करा रही हैं .
इसका मतलब ये है की आज के समय में सभी ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कार्य हिंदी भाषा में संभव हैं लेकिन काफी सारे लोगों को इसके बारे में जानकारी न होने की वजह से लगता हैं की हिंदी में सभी कार्य संभव नहीं हैं.
इसलिए मैंने विचार किया की आप लोगों को हिंदी के महत्व के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाए. आखिर hindi diwas कब और क्यों मनाया जाता हैं? तो फिर किस चीज़ का इंतजार हैं चलिए शुरू करते हैं.
हिंदी दिवस क्या हैं? – What is Hindi Day in Hindi
हिंदी दिवस इतिहास का वो दिन बन चूका हैं जिस दिन सम्पूर्ण भारवर्ष में सबसे जयादा उपयोग होने वाली भाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था. हिंदी को राजभाषा बनाने में बहुत सारी अड़चने आई जैसे इसके खिलाप कई विरोध प्रदर्शन हुए, दंगे हुए और इस प्रकार की कई और चीज़े झेलने के बाद आख़िरकार हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल हि गया.
हिंदी दिवस के दिन विद्यालयों में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं. इन कार्यक्रमों में गीत, निबंध लेखन, वाद -विवाद, भाषण आदि पर प्रतियोगिताये आयोजित कराये जाते हैं. और जो इन प्रतियोगिताओ में जो उत्तम प्रदर्शन करता है उसे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता हैं.
लेकिन आज के समय में भी कई ऐसे हिंदी प्रेमी लोग हैं जो hindi diwas का विरोध करते हैं क्योकि वो चाहते हैं की सरकार द्वारा हिंदी को राजभाषा नही राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना चाहिये क्युकी बहुत सारे कार्यालयों में बोलचाल एवं लिखावट के लिए हिंदी के स्थान पर विदेशी भाषाओ का उपयोग किया जा रहा हैं और ये एक रूप से हिंदी भाषा का अपमान हैं.
हिंदी दिवस 2022 कब हैं?
हिंदी दिवस 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष मनाया जाता हैं. 14 सितम्बर 1949 के दिन हिंदी को पूर्ण रूप से राजभाषा का दर्जा मिल चूका था. यदि आपके मन में कुछ ऐसा प्रश्न आ रह हैं की 14 सितम्बर को ही हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता हैं किसी और दिन क्यों नही? 14 सितम्बर के दिन हि हिंदी भाषा को लेकर कुछ बहुत हि महेत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे जिसकी वजह से 14 सितम्बर हिंदी दिवस के नाम से जाना जाने लगा.
देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु जी ने इस दिन के महेत्व को देखते हुए हर वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मानाने को कहा. जो की 14 सितम्बर 1953 से मानाने जाना लगा
संविधान सभा में 14 सितम्बर 1949 को एकमत निर्णय से हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला. अग्रेजी भाषा को हटाये जाने की वजह से देश के कई इलाको में राजनीत के चक्कर में दंगे हुए थे.
तमिलनाडु में भाषा विवाद को लेकर जनवरी के महीने में 1965 को दंगे हुए थे.
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हिंदी दिवस का उद्देश्य क्या हैं?
हिंदी दिवस का मूल उद्देश्य यह हैं की हिंदी को विश्व भर में फैलाना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में सम्मान दिलाना. इसीलिए विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता हैं.
सबसे पहले विश्व हिंदी दिवस का आयोजन नार्वे में हुआ था जो की भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी जी के द्वारा 10 जनवरी 1975 को कराया गया था इसके पश्चात 10 जनवरी 2006 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन जी के द्वारा 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मानाने का निर्णय लिया.
इस दिन विदेशी भारतीय दूतावासों तथा सरकारी कार्यालयों में हिंदी दिवस को बड़े धूम धाम से मनाया जातां हैं.
हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?
आज के समय में भारत में 77% लोग हिंदी बोलते और लिखते हैं. लेकिन फिर भी हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा नही मिल पाया हैं. इसकी बहुत बड़ी वजह ये है की आजकल ज्यादातर स्कूलों, नौकरियों, इंटरव्यू आदि जगहों पर हिंदी की जगह अग्रेजी को लोग ज्यादा वरीयता देते हैं और इन सभी जगहों पर सभी कार्य इंग्लिश भाषा में होते है.
हिंदी के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए hindi diwas मनाया जाता हैं और ज्यादातरलोग लिखने व बोलने के लिए हिंदी भाषा का हि उपयोग करते हैं लेकिन कार्यालयों में 50% से अधिक कार्यो को अग्रेजी भाषा में किया जाता हैं ये भी बहुत बड़ा कारण हैं जिसके वजह से आज हिंदी राष्ट्र भाषा नही बन पायी हैं.
हिंदी को तो आज नाम मात्र ही इस्तेमाल किया जा रहा हैं.
हिंदी दिवस की विशेषताए
हिंदी भाषा को जोर देने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता हैं. यही दिन हमें हमारी मुख्य भाषा तथा हमारी भारतीय संस्कृति से अवगत कराता हैं और हिंदी के मूल महेत्व को समझाता हैं.
जैसा की सभी लोग देख रहे हैं की हिंदी प्रतिदिन उपयोग में घटती जा रही है. लेकिन हिंदी दिवस एक ऐसा दिन आता जो हमें बताता हैं की हिंदी हमारी मूल भाषा हैं और हमे इसी का उपयोग करना चाहिये
हिंदी राजभाषा हि नही बल्कि हिंदी हम भारतियों की पहेचान हैं भारत में हिंदी भाषा का महत्वपूर्ण इतिहास हैं जो हजारो वर्ष पूराना हैं हिंदी हमारी मातृभाषा हैं जो हम जन्म लेने के बाद बोलना प्रारंभ करते हैं
हिंदी दिवस एक ऐसा दिवस हैं जो हमारी संस्कृति का याद दिलाता हैं और हिंदी का महेत्व समझाता हैं
हिंदी दिवस का इतिहास
भारत की संविधान सभा द्वारा 14 जनवरी 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिलने के बाद हिंदी के महत्व को लोगो तक पहुचाने के लिए “राष्ट्रभाषा प्रचार समिति” का गठन किया गया और 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मानाने का अनुरोध किया गया था.
भारतीय संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343(1) में संविधान निर्माताओ द्वारा बताया गया हैं की राष्ट्र की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी. इसके बाद 14 सितम्बर के दिन को चुना गया और इस प्रकार हिंदी दिवस मनाना प्रारंभ हो गया.
हिंदी दिवस का महत्व
आज पूरे भारत में हिंदी दिवस को मानाने की सबसे बड़ी वजह ये हैं की इसी दिन हमारी हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था. और हिंदी के महत्व को पुरे संसार में ले जाने के लिए व लोगो को हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा कई सारे प्रयास किये गये हैं और आज भी किये जा रहे हैं
हिंदी दिवस कैसें मनाया जाता हैं?
Hindi Diwas के अवसर पे स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं जिसमे हिंदी में निबंध लेखन, वाद विवाद, कविता आती विषयों पे प्रतियोगिताये होती हैं
और सभी को हिंदी भाषा के महेत्व को समझाया जाता हैं की सभी लोग अपने बोलचाल और लेखन के लिए अपनी हिंदी भाषा का हि उपयोग करे. और इन प्रतियोगिताओं में जो उत्तम प्रदर्शन करता हैं उसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाता हैं.
हिंदी दिवस के दिन कई प्रकार के पुरस्कारों का वितरण करके उन लोगों को सम्मानित किया जाता हैं जिन लोगो ने हिंदी भाषा में अपना योगदान दिया हैं ( योगदान से तात्पर्य हैं की जिन लोगो ने हिंदी में कविताये, निबंध, कहानी आदि प्रकार की उत्तम रचनाये की हैं ).
राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति ये दोनों पुरस्कार हिंदी दिवस के दिन ही दिए जाते हैं .
राजभाषा गौरव पुरस्कार: ये पुरस्कार ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता हैं जिन्होंने विज्ञानं और तकनीकी के विषय में महान पुस्तके या लेख लिखे हैं
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार: यह पुरस्कार उन कार्यालयों या संस्थानों को दिया जाता हैं जो हिंदी भाषा का सबसे अधिक बोलचाल और लेखन में इस्तेमाल करते हैं.
1900 में हुई थी आज की हिंदी की शुरुआत
कई महान जानकारों की माने तो आज के समय जो हिंदी हम लिखते या बोलते हैं इसका प्रारंभ 1900 ईसवी में हुआ था .
खड़ी बोली मतलब हिंदी भाषा में लिखी जाने वाली सबसे पहेली कहानी का नाम इंदुमती था जिसे कहानीकार श्री किशोरीलाल गोस्वामी द्वारा लिखा गया था इस कहानी में उपयोग हुई भाषा आज के समय लिखी या बोली जाने वाली भाषा के सामान हैं.
आज हमने क्या सीखा?
मुझे आशा है की आप लोगो को हिंदी और हिंदी दिवस के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी यदि इसके बावजूद भी आपको कोई संदेह हैं तो आप नीचे कमेंट्स में साझा कर सकते हैं.
हिंदी दिवस के शुभ अवसर पे मेरी इच्छा है की यह जानकारी हमारे सभी भारतीय भाई-बहनों को भी प्राप्त हो जिससे उनको भी हिंदी दिवस के बारे में जानकारी मिल सके. तो आप अपने मित्रो व परिवार वालो तक इस पोस्ट को पहुचाने के लिए उन्हें जरूर शेयर करे .
धन्यवाद!